बुधवार, 7 अगस्त 2013

मुस्कान भरी चुप्पी

कविता
मुस्कान भरी चुप्पी

करते हो बार-बार प्रश्न
गर्व और अहं में चूर हो
और मैं.......
तुम्हारी हर हाँ में
हाँ मिलाकर
बस मुस्कुरा देती हूँ ।

क्योंकि, मैंने
स्वीकारना ही सीखा है
सदियों से तुम्हारी श्रेश्ठता
बिना प्रतिवाद के ।

किन्तु,
सच पूछो तो
कई रहस्य छिपे होते हैं
मेरी मुस्कान भरी चुप्पी में ।।

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डाॅ0 उमेश कुमार पटेल ‘श्रीश’

ग्राम-घोठही, पोस्ट-करमहा,
जिला-महराजगंज (उ0प्र0)
पिन - 273303
मो0 नं0- 09450882123

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