कविता
माँ मुझे मत मार
माँ के आँचल के
छाँव की है.....चाह,
पिता के स्नेह को
पाने की है.....चाह,
भैया संग लोरी
सुनने की है.....चाह,
आँगन में किलकारी
भरने की है.....चाह,
सबका स्नेह प्यार
पाने की है.....चाह,
सुख-दुःख में साथ
निभाने की है.....चाह,
बढाने की है.....चाह,
कुल की मर्यादा
निभाने की है.....चाह,
रोकर खुद दूसरों को
हँसाने की है.....चाह,
सिसक-सिसक बेटी
भर रही है.....आह,
माँ से विनती
करती बारम्बार,
मत मार गर्भ में
माँ मुझे मत मार ।।
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डा0 उमेश कुमार पटेल ‘श्रीश’
श्रीरामा सेवा संस्थान
ग्राम-घोठही, पोस्ट-करमहा,
जिला-महराजगंज (उ0प्र0)
पिन - 273303
चल दूरभाष नं0- +919450882123
‘
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